स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने बाणगंगा सरोवर का निरिक्षण और कहा कि यह स्थान स्वच्छता का प्रेरणास्रोत बन सकता है। यहां से भारत की मायानगरी मुम्बई के लिये स्वच्छता का संदेश प्रसारित किया जा सकता है। उन्होने कहा कि मुम्बई के पास बाणगंगा रूपी प्राचीन धरोहर है। आने वाली पीढ़ियों को यहां से जागरण और प्रेरणा का संदेश प्राप्त हो ताकि वे अपने राष्ट्र की धरोहर का महत्व समझे और उसे सुरक्षित रखे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज व्यक्ति दिन भर की भागदौड़ भरी जिन्दगी के पश्चात कुछ पल शान्ति से व्यतित करना चाहता है। जल स्रोत, वृक्ष और प्रकृति के सान्निध्य में ही वास्तविक शान्ति प्राप्त होती है। बाणगंगा जैसे प्राचीन स्थलों को पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर समाज में विलक्षण परिवर्तन किया जा सकता है स्वामी चिदानन्द सरस्वती के मार्गदर्शन में स्थानीय लोगों ने बाणगंगा सरोवर को सेल्फी प्वांइट एवं प्रेरणा का स्रोत बनाने का संकल्प लिया।