उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में दिल्ली के दानदाता श्री दिनेश कुमार गोयल FIITJEE के चेयरमेन ने मंदिर पुजारी प्रदीप गुरू की प्रेरणा से ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर के गर्भगृह एवं नंदी मंडपम के मध्य चॉदी का द्वार लगवाया है। FIITJEE इन्दौर के हेड अतिल अरोरा ने जानकारी देते हुए बताया कि, यह द्वार 150 किलो चॉदी से बनाया गया है, जिसमें सागवान की लकड़ी का दरवाजा बनाकर उसपर चॉदी की सुन्दर नक्काशी की गई है।
महाकालेश्वर मंदिर के अतिथि निवास में विगत 01 माह से चॉदी के द्वार के निर्माण का कार्य चल रहा है। कुछ काम वे चुरू से करके ही लाये थे। द्वार को बनाने हेतु चुरू (राजस्थान) के कारीगर माणिकचंद जांगीड़ और उनकी 08 लोगों की टीम विशेष रूप से उज्जैन आये है। चॉदी के द्वार पर शेखावटी शैली में सुंदर नक्काशी से कलाकृति उकेरी गयी हैं।
जिसमें द्वारा पर कलश, त्रिपुंड, नाग, नंदी, डमरू, त्रिशूल, बिल्वपत्र, ओम, स्वस्तिक धतूरे के पुष्प आदि उकेरे गये है तथा चौखट पर कलश, श्री शुभ - लाभ के साथ ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर, सूर्य व चंद्र अंकित है। 09 नवंबर को शनि प्रदोष के शुभ पर्व पर दानदाता द्वारा उनके परिवार सहित मंदिर के नंदीमंडपम में विधिवत पूजन व यज्ञशाला में हवन कर पुजारी प्रदीप गुरू के आचार्यत्व में समस्त पुजारी एवं पुरोहितों द्वार को स्थापित करवाया गया।
मंदिर में चॉदी का यह तीसरा द्वार है। इसके पूर्व सभामंडप व गर्भगृह में चॉदी का द्वार लगावाया जा चुका है। इस अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एस.एस.रावत, उपप्रशासक आशुतोष गोस्वामी, सहायक प्रशासक श्री चन्द्रशेखर जोशी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के.तिवारी आदि उपस्थित थे
दिल्ली के दानदाता ने महाकाल को अर्पित किया चॉदी द्वार