खाद की कालाबाजारी से किसान परेशान प्रदेश में यूरिया का संकट

इंदौर । एक ओर सरकार किसानों को हर संभव मदद देने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ हातोद तहसील सेवा सहकारी संस्था पाल काकरिया मैं आज 500 बोरी यूरिया किसानों को दिया गया हर किसान को 5बोरी यूरिया खाद सेवा सहकारी संस्था की ओर से दिया गया किसानों को जरूरत से कम यूरिया मिल रहा है वही देपालपुर तहसील के गांव दौलताबादसेवा सहकारी संस्था औरंगपुरा सोसाइटी  नहीं मिल रहा में भी किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया नहीं मिल पा रही है जिससे किसान काफी परेशान हो रहे हैं और सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट कर रहे हैं प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद भी किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल पा रही है और अगर किसान प्राइवेट एवं निजी दुकानों पर यूरिया उर्वरक लेने जाते हैं तो 350 रुपए में दिया जा रहा है जिससे धड़ल्ले से जिले में कालाबाजारी अपना पैर पसारता जा रहा है ,क्षेत्र के किसान खाद की कालाबाजारी से परेशान हैं इन दिनों उर्वरक बिक्रेताओं द्वारा सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक की बिक्री की जा रही है उर्वरक की कालाबाजारी से परेशान किसान अब खेती छोड़ने को मजबूर ना हो जाए , किसानों की मानें तो बाजार में उर्वरक की कमी नहीं रहने के बावजूद विक्रेता उर्वरक की कमी होने का बहाना बनाते हुए निर्धारित दर से अधिक कीमत पर उर्वरक की बिक्री कर रहे हैं। किसानों की मानें तो  फसल की बुआई में डीएपी एवं एनपीके उर्वरक का महत्व काफी बढ़ जाता है। डीएपी उर्वरक की सरकारी कीमत की तुलना में 250 से 300 रुपये बोरा अतिरिक्त लिया जा रहा है। भारतीय किसान एवं मजदूर सेना (अ) ¨प्रदेश अध्यक्ष बबलू जाधव¨ ने कहा कि रासायनिक उर्वरक की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि, मजदूरों की कमी व जुताई में अधिक खर्च से हमलोगों की परेशानी बढ़ गई है उर्वरक कि कीमत में वृद्धि के कारण खेती में लागत बढ़ रही है। ऐसी स्थिति में खेती करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। शैलेंद्र पटेल , सोहन एवं अन्यने बताया कि एक तो मंहगाई ने पूर्व से ही कमर तोड़ कर रख दी है। वहीं इस स्थिति में सरकार को किसानों का खेती के प्रति मनोबल बढ़ाने के लिए प्रत्येक पंचायत में सरकारी दुकान खोलकर किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक, कीटनाशक दवाईयां, बीज सहित कृषि उपकरण सरकारी दर पर उपलब्ध कराने के साथ ¨सचाई की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए। पदाधिकारी बबलू जाधव की माने तो सारे वादे झूठे से नजर आते हैं सरकार की तमाम वादे किसानों के प्रति कोरे हैं,  उर्वरक की कालाबाजारी करते जो भी दुकानदार पकड़ा जाएगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी अगर देखा जाए तो इंदौर के साथ-साथ संपूर्ण मध्यप्रदेश में यूरिया खाद का संकट गहराता जा रहा है और अगर ऐसा ही रहा तो किसानी करना बहुत कठिन साबित होगा सरकार के तमाम वादे आज तक झूठे ही साबित होते आ रहे है।