भोपाल, दिनांक 04 नवम्बर, 2019 । प्रदेश कांगे्रस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने एक बयान में बताया है कि भाजपा के किसान कर्जमाफी, बिजली के बिल और प्राकृतिक आपदा की राहत राशि को लेकर आज प्रदेश भर मंे किये गये राजनैतिक दिखावे को लेकर एक प्रसिद्ध लोकोक्ती याद आती है 'थोथा चना बाजे घना' अर्थात जिसमें ज्ञान की जितनी कमी होती है, वह उतना अधिक दिखावा करता है। भारतीय जनता पार्टी के शीर्षस्थ नेतृत्व ने जिस अज्ञानता का परिचय आज दिया है, उसकी सिलसिलेवार चर्चा करना बेहद आवश्यक है। 1. सत्ता बेदखली के दिलजले-बिल जला रहे हैं: -प्रदेश भाजपा नेताआंे को सत्ता चले जाने का इतना रंज है कि वे प्रदेश के नागरिकों को एक रूपये प्रति यूनिट की देश की सबसे सस्ती श्रेणी की बिजली प्रदेश के 84 प्रतिशत उपभोक्ताओं को कमलनाथ सरकार द्वारा दिये जाने को पचा नहीं पा रहे हैं और दिखावे के लिए दिलजले बिजली के बिल जला रहे हैं। मप्र के यशस्वी मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने प्रदेश के 9740699 घरेलू बिजली के उपभोक्ताओं की बिजली के दाम आधे से भी कम कर दिये हैं। अर्थात 83.27 प्रतिशत उपभोक्ताओं से पहली 100 यूनिट पर सिर्फ 100 रूपये बिजली का बिल इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत लिया जा रहा है। 2. भाजपा कर रही प्रदेश के किसानों को आहत-केंद्र से नहीं मिली कोई राहत:- यह कितना शर्मनाक है कि प्रदेशभर में भाजपा बाढ़ पीड़ित प्रदेश के नागरिकों और अन्नदाता किसानों के लिये राहत राशि दिये जाने के नाम पर राजनैतिक स्वांग कर रही है और दूसरी और केंद्र सरकार से कोई मदद न मिल सके, ये षड्यंत्र भी सरेआम कर रही है। मध्यप्रदेश के किसान भाईयों की 60 लाख हेक्टेयर की फसलें तबाह हुई हैं। जिसकी राहत राशि के लिए कमलनाथ सरकार ने 270 करोड़ रू. तुरंत वितरित किये और बाढ़ पीड़ित नागरिकों के लिए अतिरिक्त 200 करोड़ रू. अब तक वितरित किये। मगर केंद्र की भाजपा सरकार ने आज तक एक भी पैसा एनडीआरएफ से मदद का मप्र को नहीं भेजा। जबकि राज्य सरकार कई बार 6621 करोड़ रू. की राहत राशि के लिए विस्तृत प्रतिवेदन केंद्र को दे चुकी हैं।3. किसानों का माफ हुआ कर्ज-भाजपा के पेट में दर्द:- पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने किसानों को फसलों के दाम मांगने पर उनके सीने में गोलियां उतार दीं, आज जब यशस्वी मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी ने 20 लाख से अधिक किसानों का कर्ज सरकार बनते ही खत्म कर दिया तो भाजपा बौखला गई। भाजपा को इस बात आभास हो चुका है कि कर्ज माफ होने से भाजपा का जनाधार साफ हो गया है, जिसका परिणाम हाल ही में झाबुआ में देखने को मिला। समूचे प्रदेश के किसानांे का 2 लाख रू. तक का कर्ज किया जायेगा। प्रदेश के 20 लाख किसानों को देश की सबसे सस्ती श्रेणी की बिजली अर्थात 44 पैसे प्रति यूनिट की दर से कमलनाथ सरकार दे रही है।
भाजपा के नेता प्रदेश में अपनी हार का प्रतिशोध किसानों से ले रहे हैं, इसलिए केंद्र से उनके भावांतर का 1017 करोड़ रूपये और सार्वजनिक वितरण प्रणाली से गेहूं खरीदी का 1500 करोड़ रूपये केंद्र से रूकवा दिया गया है। आकाश जी, आप खाली हाथ नहीं चलते, रंगे हाथों पकड़े जाते हैं-भारतीय जनता पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधि आखिर कितने दिनांे तक प्रजातंत्र को शर्मसार करते रहेंगे। आकाश विजयवर्गीय को जनता ने दायित्व दिया है सदन में बैठकर कानून बनाने का। वेे आये दिन कानून हाथ मंे लेने की बात करते हैं। सबसे दुःखद पहलू तो यह है कि देश के प्रधानमंत्री जी की सख्त हिदायत के बावजूद आकाश विजयवर्गीय प्रधानमंत्री जी की बात का अनादर कर अवहेलना करते हुए पुनः अपने अमर्यादित आचरण को दोहराना चाहते हैं। याद रखिये प्रदेश की जनता नासमझ नहीं है। जो भी प्रजातंत्र को शर्मसार करने के लिये कानून हाथ में लेगा, वो जनता की अदालत में रंगे हाथों पकड़ा जायेगा और उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया जाऐगा।
विधायक विजयवर्गीय पर कांग्रेस का पलटवार