इंदौर । यूँ तो सनातन से यही परम्परा चली आ रही है कि सदा शिष्य ही गुरु का सम्मान और और अभिनन्दन करते आ रहें है, प्रायः ऐसा कम ही होता है कि शिष्य के जीवन में यह अवसर आए कि उसके कार्यों के कारण गुरु अपने शिष्य को सम्मानित करें। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन अविचल द्वारा हाल ही में 11 लाख लोगों के हस्ताक्षर हिंदी में परिवर्तित करवाने के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन द्वारा दिल्ली में विश्व पुस्तक मेला में विश्व कीर्तिमान प्राप्त किया है, इसी के लिए विद्यालयीन जीवन में कक्षा 9 और 10 में हिन्दी पढ़ाने वाले शिक्षक एवं ख्यात कवि, गीतकार डॉ वासिफ़ क़ाज़ी द्वारा अपने शिष्य डॉ अर्पण जैन 'अविचल' का सम्मान किया। ज्ञात हो कि डॉ जैन द्वारा अर्जित विश्व कीर्तिमान हिंदी समाज का अभिन्न और अभिनंदनीय कार्य है।
यह हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की दिशा में मजबूत कदम है। छात्र के जीवन में भी यह गौरव के क्षण होते है जब उन्हें पढ़ाने वाले गुरु द्वारा उन्हें सम्मानित किया जाता है, सम्मान के इस सुअवसर पर जलज व्यास,नितेश गुप्ता आदि उपस्थित रहें।
गुरु ने किया शिष्य डॉ जैन का सम्मान