चंडीगढ़, 18 19 अप्रैल- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कोरोना से उत्पन्न संकट की घड़ी में प्रदेश के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में पढऩे वाले लाखों छात्रों के मनोबल को बढ़ाते हुए, आज छात्रों से 3एस- स्टे एट होम, स्कूल एट होम और स्टडी एट होम का अनुसरण करने का आग्रह किया है। उन्होंने छात्रों से विभिन्न ई-लर्निंग प्लेटफार्मों के माध्यम से सीखने के लिए अपने अधिकतम समय का उपयोग करने का भी आग्रह किया, जो उन्हें घर पर रहकर ही अपनी पढ़ाई जारी रखने में मदद करेंगे। मुख्यमंत्री आज यहां ‘हरियाणा आज’ कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने आज के कार्यक्रम को छात्रों और शिक्षकों को समर्पित करते हुए कहा कि जब से लॉकडाउन की घोषणा हुई थी, तब से कोरोना से उत्पन्न अनिश्चितता का स्कूल और कॉलेज के छात्रों पर बहुत प्रभाव पड़ा है, क्योंकि ये सभी कक्षाओं में उपस्थित नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि 18 मार्च को प्रदेश में चल रही स्कूलों की वार्षिक परीक्षाओं को स्थगित कर दिया गया और 19 मार्च को सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया। स्कूल के बच्चों का अगला शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल को शुरू होता है। बाकि परीक्षाएं होंगी या नहीं, अगली कक्षा में दाखिला कब मिलेगा, इन अनिश्चितताओं को दूर करने के लिए हमने पहली कक्षा से ग्यारवीं कक्षा तक पढऩे वाले सभी विधार्थियों को जितनी परीक्षाएं 18 मार्च तक हुई थी, उन्हीं के परिणाम के आधार पर अगली कक्षाओं में दाखिला देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो, इसलिए 15 अप्रैल से 52 लाख विधार्थियों की नई कक्षाएं डिस्टेंस एजुकेशन कार्यक्रम के तहत केबल और डीटीएच चैनलों के माध्यम से शुरू कर दी गई हैं।उन्होंने कहा कि 12वीं के विद्यार्थियों की परीक्षाओं को लेकर सीबीएसई द्वारा परिणाम की तिथि अभी तक घोषित नहीं हुई है। अन्य प्रतियोगी परिक्षाएं जैसे एनडीए, जेईई, नीट जो कि अप्रैल और मई में होनी थी, अब ऐसे परिक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे छात्रों के लिए सुनहरा अवसर है, क्योंकि उन्हें परीक्षा के लिए तैयारी करने के लिए और अधिक समय मिल गया है।उन्होंने कहा कि 10वीं कक्षा के बाद लगभग 60 से 70 हजार विद्यार्थी प्रदेश के 172 सरकारी और 246 प्राइवेट आईटीआई में जुलाई माह में दाखिला लेते हैं। गत 24 मार्च को प्रदेश के सभी आईटीआई को बंद करने के बाद सैद्धांतिक थ्यूरी विषयों की पढाई तो फोन और ई-लर्निंग से करवाई जा रही है परन्तु प्रैक्टिकल विषयों की पढ़ाई लॉकडाउन की समाप्ति के बाद शुरू की जाएगी।
उन्होंने कहा कि आईटीआई में कुल 81 ट्रेड में 30/35 ऐसे हैं, जिनमें 10वीं में गणित और विज्ञान की परीक्षा उत्तीर्ण होने की शर्त होती है। चूंकि 10वीं कक्षा की विज्ञान की परीक्षा अभी नहीं हुई है, इसलिए हम विचार कर रहे हैं कि यदि 10वीं की विज्ञान की परीक्षा लेने में ज्यादा समय लग जाए तो ऐसे ट्रेड में बिना विज्ञान की परीक्षा के ही अस्थाई (प्रॉविजऩल) रूप से दाखिला दे दिया जाए। इस बारे में शीघ्र ही अतिंम निर्णय ले लिया जाएगा। इसी प्रकार, ऐसा विचार उन विद्यार्थीयों के बारे में भी कर रहे हैं जो 10वीं कक्षा के बाद पोलीटेक्निक में ऐसे ट्रेड में डिप्लोमा के लिए दाखिला लेना चाहते हैं जिनमें गणित और विज्ञान दोनों विषय उत्तीर्ण होने की शर्त होती है।उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों से आग्रह किया था कि वे दाखिले के समय ली जाने वाली 3 महीने की एडवांस फीस की बजाय केवल एक महीने की फीस लें । इसके अलावा, शिक्षा विभाग के अध्यापकों द्वारा मिड-डे-मील के तहत अप्रैल माह का सूखा राशन घर-घर जाकर बच्चों को बाँटा जा रहा है।मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कुछ शिक्षकों, प्रोफेसर और एक छात्र के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। बातचीत के दौरान शिक्षकों ने बताया कि छात्रों के लिए स्मार्ट फोन, और तकनीकों जैसे व्हाट्सएप ग्रुप, पीडीएफ और यूट्यूब लिंक के माध्यम से लाइव क्लासेस, ऑनलाइन वर्कशीट, दैनिक टिप्स दिए जा रहे हैं और जिन छात्रों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, उनसे टेलीफोन द्वारा सहायता दी जा रही है।
नूंह से कॉलेज प्रोफेसर नम्रता ने बताया कि जब से कॉलेजों को कोरोना के कारण एहतियात के तौर पर बंद किया गया था, तब से सभी शिक्षकों ने डिजिटल रूप से कक्षाएं लेना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि प्रौद्योगिकी का उपयोग करके, उन्होंने कक्षा वार और विषयवार व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं जिसमें अध्ययन सामग्री यू-टयूब लिंक, पीडीएफ फाइलों के माध्यम से सांझा की जाती है। उन्होंने बताया कि अध्ययन सामग्री शिक्षा सेतु एप पर भी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों को दैनिक असाइनमेंट और टेस्ट भी दिए जाते हैं। सफीदों से एक जेबीटी शिक्षक रमेश कुमार ने बताया कि अपने स्कूल के शिक्षकों के समर्पित प्रयासों और सहयोग से, वे अपने क्षेत्रों में रहने वाले लगभग 265 छात्रों को मिड डे मील के रूप में सूखा राशन वितरित करने में सक्षम हो पाए। उन्होंने बताया कि हर परिवार ने संकट की इस घड़ी में सरकार द्वारा उनकी मदद करने के लिए किए जा रहे समर्पित प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
एक अन्य जेबीटी शिक्षक सुनील दत्त ने बताया कि पुस्तकों की कमी को पूरा करने के लिए, शिक्षकों द्वारा बड़ी कक्षाओं में पढऩे वाले विद्यार्थियों से उनकी पुरानी पुस्तकें छोटी कक्षा में पढऩे वाले छात्रों के साथ आदान-प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक प्राथमिक कक्षाओं में पढऩे वाले कुछ छात्रों को पुरानी किताबें मिल चुकी हैं और बाकी छात्रों को भी किताबें मुहैया कराने के प्रयास जारी हैं।बसरकारी नेशनल कॉलेज, सिरसा के जीव विज्ञान के प्रोफेसर विवेक गोयल ने बताया कि लॉकडाउन के दूसरे चरण की घोषणा के बाद ई-लर्निंग टूल का उपयोग करते हुए 15 से अधिक बार छात्रों के साथ बातचीत की है। उन्होंने बताया कि यू-टयूब लिंक, व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से छात्रों के प्रश्नों को हल करने की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि जिन छात्रों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, उन्हें व्यक्तिगत रूप से कॉल किया जा रहा है।यमुनानगर के एक छात्र साहिल कंबोज ने बताया कि वह और उसके परिवार के सदस्य लॉकडाउन मानदंडों का पूर्ण रूप से पालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड किया है, जिसने उन्हें कोरोना के खिलाफ लड़ाई लडऩे के लिए प्रेरणा दी है क्योंकि ऐप कोविड-19 के बारे में नवीनतम जानकारी से अपडेट रखता है।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में, हमें न तो डरना है, न हारना है, बल्कि हमें कोरोना को हराना है। कोरोना हरियाणा से हारेगा और भारत से भागेगा।
क्रमांक-2020
चंडीगढ़, 18 19 अप्रैल- हरियाणा के बिजली मंत्री श्री रणजीत सिंह ने जिला सिरसा की साहुवाला, बड़ागुढ़ा, पन्नीवाला मोटा, ओढ़ां, रिसालिया खेड़ा, घोड़ांवाली, खारियां व सिरसा मंडी का दौरा कर सरसों खरीद का जायजा लिया तथा किसानों की सुविधाओं के लिए दिशा-निर्देश दिए।
दौरे के उपरान्त पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री रणजीत सिंह ने बताया कि आज उन्होंने काफी सारी मंडियों का जायजा लिया है, जहां पर सरसों खरीद संतोषजनक पाई गई है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कोरोना के चलते सोशल डिस्टेंसिंग कायम करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है और इस कारण से कई जगह शुरुआत में परेशानियां भी आई हं,ै जिन पर तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेते हुए दुरुस्त कर दिया गया है।
बिजली मंत्री ने कहा कि संकट की इस घड़ी में उनके विभाग के कर्मचारियों ने अपनी सैलरी मुख्यमंत्री कोरोना रिलीफ कोष में दान की है। इसके अलावा भी उनके हलके के कई गांवों से लगभग 20 लाख रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा हुए हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं भी जब तक कोरोना की यह महामारी चल रही है, तब तक अपनी पूरी सैलरी और मंत्री कोटे से तीन करोड़ रुपए राहत कोष में दिए हंै। किसानों से दान बारे पूछे गए एक सवाल के जवाब में श्री रणजीत सिंह ने कहा कि यह उनके विवेक पर है, लेकिन मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के आह्वान पर काफी संख्या में किसान अन्न दान कर रहे हैं।
श्री रणजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश में 20 अप्रैल से गेहूं की भी सरकारी खरीद शुरू की जानी है, जिसके लिए सभी आढ़ती सरकार को सहयोग करें और यह सुनिश्चित करें कि मंडी में भीड़ न हो। उन्होंने कहा कि इस दौरान सोशल डिस्टैंसिंग का खास ध्यान रखा जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए मंडियों में आने वाले किसानों समेत हर व्यक्ति ने मास्क लगाया हुआ हो।उन्होंने कहा कि खरीद के दौरान मंडियों में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। अगर किसी किसान को कोई समस्या आती है तो वह तुरंत प्रशासन को अवगत करवाए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मंडियों में अपनी फसल लाने वाले किसानों का पूरा ख्याल रखें और उन्हें सामाजिक दूरी बनाने के साथ-साथ मास्क पहनने सम्बधी विषय को लेकर भी निरंतर पे्ररित करते रहें। इतना ही नहीं, मंडियों में फसल लेकर आने वाले ट्रैक्टर, ट्रॉलियों तथा अन्य वाहनों को भी पूरी तरह से सैनिटाइज करवाया जाए ताकि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। बिजली मंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि वे लॉकडाउन की पालना करते हुए प्रशासन द्वारा जारी हिदायतों का ध्यान रखें और प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि किसान प्रशासन द्वारा तय की गई तिथि और समय के अनुसार ही मंडी में अपनी फसल लेकर पहुंचें। कोरोना वायरस से बचाव के लिए किसान सावधानी बरतें और किसी प्रकार की लापरवाही न करें। उन्होंने कहा कि फाना प्रबंधन विषय को लेकर सभी को जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने किसानों से यह भी आह्वïान किया कि वे फसल काटने के बाद फानों में आग न लगाएं क्योंकि आग लगाने से न केवल पर्यावरण दूषित होता है बल्कि जमीन की उपजाऊ शक्ति भी प्रभावित होती है।मंडियों के दौरे के दौरान बिजली मंत्री ने किसानों का हालचाल जाना और उनकी समस्याएं भी सुनी।
क्रमांक-2020
चंडीगढ़, 18 19 अप्रैल- हरियाणा सरकार ने कल्पना चावला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, करनाल और शहीद हसन खान मेवाती, गवर्नमेंट कॉलेज, नल्हड़, नूंह के लिए 23 नए चयनित प्रोफेसरों, एसोसिएट प्रोफेसरों और सहायक प्रोफेसरों को चरित्र के सत्यापन में छूट देकर तुरंत ज्वाईनिंग लैटर देने का फैसला किया है। हरियाणा चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने इस संबंध में प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दे दी है।प्रवक्ता ने बताया कि साक्षात्कार के आधार पर, करनाल के कल्पना चावला गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी, एनेस्थेशियालॉजी और पेडियाट्रिक्स के विभागों में सहायक प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के पद के लिए 17 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। इसी तरह, शहीद हसन खान मेवाती, गवर्नमेंट कॉलेज, नल्हड़, नूंह में पेडियाट्रिक्स, ब्लड बैंक, एनेस्थेशियालॉजी, जनरल सर्जरी और स्किन तथा वीडी के विभागों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए 6 उम्मीदवारों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि चयनित उम्मीदवार संबंधित पद पर ज्वाईन नहीं करता है तो प्रतीक्षा सूची में अगला योग्य उम्मीदवार संबंधित पद के लिए अपनी ज्वाईनिंग दे सकेगा।
क्रमांक-2020 चंडीगढ़, 18 19 अप्रैल- कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा किए गए आह्वान के परिणामस्वरूप कई स्वयंसेवी और गैर-सरकारी संस्थाएं हरियाणा कोरोना राहत कोष में योगदान के लिए आगे आई हैं। इसी कड़ी में, आज प्रदेश के पूर्व परिवहन मंत्री श्री कृष्ण लाल पंवार व जननायक जनता पार्टी के जिला पानीपत प्रधान श्री सुरेश काला की अगुवाई में खण्ड मडलौडा, जिला पानीपत के गांव बाल जाट्टान की ग्राम पंचायत ने 10.50 करोड़ रुपये का योगदान दिया।
गांव की सरपंच श्रीमती सरिता देवी ने आज मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल को इस राशि का चैक सौंपा। इस मौके पर मडलौडा के खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी श्री सुमित बख्शी, गांव के पंच श्री राजेश नैन, श्री सत्यवान कश्यप, श्री रणबीर और श्री विजय राठी भी मौजूद रहे।
क्रमांक-2020
चंडीगढ़, 18 19 अप्रैल- हरियाणा के उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि वे राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ईंट भट्ठों के संचालन पर लगाए गए प्रतिबंध को तुरंत हटवाएं। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में काफी हद तक पर्यावरण स्वच्छ हुआ है और हरियाणा का लगभग 57 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आता है। श्री दुष्यंत चौटाला ने यह मांग आज केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा नई दिल्ली से विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों के साथ हुई बैठक में रखी। श्री दुष्यंत चौटाला ने श्री नरेन्द्र सिंह तोमर से यह भी मांग की कि मनरेगा के तहत दी जाने वाली मजदूरी में दोहरी प्रविष्टियों को रोकने के लिए केन्द्र सरकार एपीआई के माध्यम से आधार कार्ड का डाटा राज्य को उपलब्ध करवाए ताकि राज्य अपने डाटाबेस से लाभपात्र के खातों की जांच कर सके। उप मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान हर क्षेत्र में मजदूरों की कमी महसूस की जा रही है और बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने मूल राज्यों को पलायन कर गए हैं। इसलिए मनरेगा के मजदूरों को कृषि क्षेत्र के कार्यों में लगाने की अनुमति दी जाए, चाहे वह फसल कटाई हो, मंडियों में लोडिंग-अनलोडिंग या गोदामों में भंडारण का कार्य हो। उन्होंने इस बात की भी जानकारी कहा कि हरियाणा की तरफ से केन्द्र सरकार को इस बारे पत्र भी लिखा जा चुका है। किसान चाहे तो मनरेगा के मजदूरों को अपनी तरफ से मजदूरी अलग से दे सकता है।श्री दुष्यंत चौटाला ने श्री नरेन्द्र सिंह तोमर को इस बात से भी अवगत करवाया कि हरियाणा में सरसों की खरीद 15 अप्रैल से शुरू हो चुकी है, जबकि गेहूं की खरीद आगामी 20 अप्रैल से शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के 3000 आवेदन लम्बित हैं और 15 मई से पहले राज्य को ‘आवास प्लस’ सर्वे के तहत इसे पूरा करने का लक्ष्य दिया जाए। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना महामारी से लडऩे के लिए पीपीई किट्स व मास्क बनाने में स्वयं सहायता समूहों द्वारा विशेष योगदान दिया गया है। इन समूहों ने 8.50 लाख मास्क उपलब्ध करवाएं हैं। कुछ स्वयं सहायता समूहों द्वारा उल्लेखनीय कार्य भी किया गए हैं, जिनमें 2500 पीपीई किट्स, स्थानीय सहकारी चीनी मिलों के साथ मिलकर सेनेटाइजर की बोतलें बनाना, 31000 से अधिक लोगों को पैकेटों के माध्यम से खाना व सूखा राशन के लिए सहयोग देना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 4700 स्वयं सहायता समूहों को बैंक लिंकेज के रूप में 103 करोड़ रुपये भी उपलब्ध करवाए गए हैं।विडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने सभी राज्यों से आग्रह किया कि वे आने वाले समय में जल सरंक्षित करने के लिए केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को राज्य अपने-अपने विभिन्न वाटरशैड्स स्थलों का दौरा करवाएं। सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों की जिला परिषदों के साथ बैठकें करवाएं क्योंकि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान अतिरिक्त उपायुक्त अन्य कार्यों में लगे हैं। इसी प्रकार, प्रधानमंत्री आवास योजना का ग्रामीण क्षेत्रों में फोकस रहेगा क्योंकि शहरी क्षेत्रों में इस योजना का लक्ष्य लगभग पूरा हो चुका है। इस योजना के तहत 1 करोड़ 21 लाख आवास बनने हैं और कई राज्यों को इसके अन्तर्गत तीसरी व चौथी किस्त भी जारी हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के मजदूरों को प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माण कार्यों में लगाया जाए इसके लिए कुछ शर्तां के साथ ईंट भट्ठों के संचालन की अनुमति दी गई है। राज्यों को निर्माण कार्यों के लिए सीमेंट, जैसी अन्य आवश्यक सामग्री की उपलब्धता अपने स्तर पर करवानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना की अधिक से अधिक गतिविधियां बढ़ानी होंगी तथा रोजगार व आजीविका से सम्बंधित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करना होगा।
श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्यों द्वारा कोरोना महामारी से लडऩे के लिए उठाए जा रहे कदमों की सराहना भी की और आशा व्यक्त की कि आगे की लॉकडाउन अवधि में भी स्वास्थ्य विभाग व नगरनिगम व अन्य विभागों के कर्मचारी इसी तरह से डटकर लड़ते रहेंगे।
बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, निदेशक, ग्रामीण विकास, श्री हरदीप सिंह के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
क्रमांक-2020
चंडीगढ़, 18 29 अप्रैल- हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे. पी. दलाल ने वैश्विक महामारी कोरोना के चलते राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि के दौरान लोगों को रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की तरह ही फल, फूल, सब्जी, खुम्बी, स्ट्रॉबेरी इत्यादि की भी उपलब्धता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत विशेष रूप से बागवानी विभाग के अधिकारी तैनात करने के निर्देश दिए हैं ताकि उपभोक्ताओं को ये चीजें आसानी से मिल सकें और किसानों के उत्पाद भी खराब न हों।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन के मिशन निदेशक डॉ. बी.एस. सहरावत ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के निर्देशानुसार खुम्बी फसलों में कीड़ों या बीमारी से बचाव के लिए राज्य मशरूम विशेषज्ञ डॉ. आर.एस.ताया, फलों के लिए हरियाणा राज्य बागवानी विकास एजेंसी, सिरसा के सदस्य सचिव श्री रघुवीर झोरड़, सब्जियों के लिए करनाल के सदस्य सचिव श्री मदन लाल, स्ट्रॉबेरी के लिए हिसार के सदस्य सचिव श्री सुरेन्द्र सिहाग, फूलों के लिए पलवल के सदस्य सचिव श्री अब्दुल रजाक तथा कोल्ड स्टोरेज के लिए बागवानी सलाहकार पी.सी.शर्मा को राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी लगाया गया है। उन्होंने बताया कि विशेष ड्यूटी पर लगाए अधिकारी ये सुनिश्चित करेंगे कि इन उत्पादों के उत्पादन, उपलब्धता एवं आपूर्ति में किसी प्रकार की कोई कमी न हो।
क्रमांक-2020
चंडीगढ़ 18 19 अप्रैल- कृषि एवं किसान कल्याण और सहकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल द्वारा जारी एक बयान में यह खुलासा किया गया कि आज राज्य में सरसों की खरीद के लिए 163 खरीद केंद्रों पर 9303 किसान पहुंचे। इन किसानों से खरीद एजेंसियों, यानी हैफेड और राज्य भाण्डागार निगम द्वारा कुल 25263.31 मीट्रिक टन सरसों की की गई। उन्होंने बताया कि खरीद के पहले चार दिनों में राज्य में 32779 किसानों से कुल 82886.87 मीट्रिक टन सरसों की खरीद की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि 126 किसानों ने स्वेच्छा से हरियाणा कोरोना राहत कोष में 152526 रुपये का योगदान दिया है।
क्रमांक-2020